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Omprakash Rajbhar ने योगी के फैसले का किया स्वागत और रखी ये मांग।


उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट से जो पास किया गया है । हम उसका स्वागत करते है लेकिन सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मांग करती है कि प्रदेश सरकार केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजकर RGI एव ST आयोग से संस्तुति कराकर लोकसभा एव राज्यसभा में संविधान के अनुच्छेद 342 का संसोधन कराकर आदेश जारी कराने का कार्य करे ।





तभी 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों का लाभ मिल पायेगा नहीं तो 2005 में माननीय तात्कालिक मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी द्वारा  17 अतिपिछड़ी जातियों को कैबिनेट से अनुसूचित जाति में शामिल करने का शासनादेश जारी कर सरकारी  तंत्रों के माध्यम से जाति प्रमाण पत्र जारी कराया गया और केंद्र सरकार को संस्तुति के लिए भेजा गया लेकिन केंद्र की कांग्रेस सरकार नें उसपर विचार नहीं किया और  बसपा शासन काल मे 6 जून 2007 को पहली कैबिनेट की बैठक में पूर्व की सरकार द्वारा भेजी गई 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की संस्तुति को खारिज कर केंद्र सरकार से प्रस्ताव को वापस मंगा लिया  लेकिन उसका लाभ 17 अतिपिछड़ी जातियों को आज तक नहीं  मिला बल्कि इनके साथ छलावा करके वोट लेने का कार्य किया गया ठीक उसी प्रकार सपा की 2016  तात्कालिक मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव सरकार ने  17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का शासनादेश लागू किया था। आज उसी प्रकार वर्तमान भाजपा की योगी सरकार में भी 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव पास कर सरकारी तन्त्रो के माध्यम से  जाति प्रमाण पत्र जारी करने का शासनादेश जारी किया है। यह 17 अतिपिछड़ी जातियों के साथ छलावा कर वोट लेने की साजिश पूर्व की सरकारों की तरह बनकर न रह जाय।


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