महाराजा सुहेलदेव राजभर किले से अतिक्रमण न हटाये जाने को लेकर आमरण अनशन शुरू

Amaran Anshan Ambedkar Nagar


अंबेडकरनगर: महाराजा सुहेलदेव राजभर के ऐतिहासिक किले के ऊपरी हिस्से में नवनिर्मित मजारों को पुरातत्व विभाग के आदेश के बावजूद न हटाए जाने के विरोध में राजभर संगठनों ने अब आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है। सोमवार को कलेक्ट्रेट के निकट अम्बेडकर प्रतिमा के समक्ष भारशिव सेना के पदाधिकारियों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। अनशन से पहले टेंट लगाने को लेकर भारशिव सेना के अरविद पांडेय और एसडीएम पवन जायसवाल में बहस हो हो गई काफी जद्दोजहद के बाद वहां टेंट लग सका और अनशन शुरू हुआ।


जलालपुर तहसील के सुरहुरपुर/जफरपुर मुर्गजार गांव में सम्राट सुहेलदेव राजभर का किला है। अवध गजेटियर में स्पष्ट रूप से इसका जिक्र है। सुहेलदेव राजभर के वंशज राजभर समाज इस किले पर अपना दावा करते चले आ रहे हैं। वहीं, किले के ऊपरी हिस्से में बाबा शाहनूर की मजार भी है। कोरोना काल शुरू होने के बाद लाकडाउन के दरम्यान यहां कई और मजारें बना दी गईं। पीछले वर्ष फरवरी में राजभर संगठनों ने महाराजा सम्राट सुहेलदेव राजभर की जयंती मनाने के लिए किले के आसपास साफ-सफाई की कोशिश की। इसके बाद विवाद बढ़ गया। प्रशासन ने मामले को पुरातत्व विभाग के हवाले कर इस पर कोई निर्णय होने तक दोनों पक्षों के आने-जाने पर रोक लगा दी।


काफी दिनों तक यहां पुलिस का पहरा भी रहा। इस बीच लखनऊ से आई पुरातत्व विभाग की टीम ने परिसर का निरीक्षण कर इसे संरक्षित किए जाने योग्य धरोहर बताया। किले के ऊपरी हिस्से में किए गए अतिक्रमण को हटाने के साथ इसके जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए डीएम को पत्र लिखा। महीनों बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर राजभर संगठनों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है।


सोमवार को आमरण अनशन पर बैठे केशरीनंदन राजभर, भीमसेन और अरविद पांडेय ने कहा कि किले को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पुरातत्व विभाग के निर्देशों का पालन कराया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सरकार में तुष्टीकरण के चलते गाजी फाउंडेशन ने किले पर कब्जा कर लिया, इसलिए गाजी फाउंडेशन के विरुद्ध कार्रवाई हो। अरविद पांडेय ने दावा किया कि अकबरपुर का प्राचीन नाम राजभर राजा सुझावल राजभर के नाम से सुझावलगढ़ के रूप में प्रसिद्ध था। 1566 में अकबर ने सुझावलगढ़ पर आक्रमण कर राजा को इस्लाम कबूल करने का प्रस्ताव भेजा। इस्लाम कबूल न करने पर राजा सुझावल राजभर ने अकबर से युद्ध लड़ा। अकबर ने छल से रात्रि में आक्रमण कर राजा सुझावल पर हमला कर दिया, इसमें राजा की मौत हो गई और बाद में सुझावलगढ़ को अकबरपुर कर दिया गया।


 

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