संरक्षित किया जायेगा सुरहुरपुर का महाराजा सुहेलदेव राजभर का किला, अवैध कब्जा हटाने का निर्देश


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अम्बेडकर नगर : अपनी वीरता के लिए मशहूर महाराजा सुहेलदेव राजभर के सुरहुरपुर स्थित किले को लेकर जंग छिड़ गई है। अवध गजेटियर में पेज नंबर 386 पर उल्लिखित सुहेलदेव राजभर के इस किले की जमीन पर वर्तमान में करीब दर्जनभर मजारें हैं। मुस्लिम समुदाय इसे पीर शाहनूर की मजार बताता है, तो सुहेलदेव के वंशज राजभर समाज मजार हटाकर किले के पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं। हाल में यहां खोदाई के प्रयास के बाद तनाव पैदा होते ही प्रशासन ने बोर्ड लगवाकर पुरातत्व विभाग की जांच रिपोर्ट आने तक किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी।


अयोध्या-वाराणसी रोड पर मालीपुर क्षेत्र में सुरहुरपुर गांव के पास सड़क के दोनों ओर करीब 12 बीघे में फैला खंडहर है। इसे 11वीं सदी में विदेशी आक्रांता महमूद गजनवी के सेनापति सैय्यद सलार मसूद गाजी को पराजित करने वाले महाराजा सुहेलदेव राजभर का किला बताया जाता है। यहां से करीब 200 मीटर की दूरी पर उनके महल के भी अवशेष हैं। अवध गजेटियर में इसका जिक्र भी है। पुस्तक में पेज नंबर 386 पर राजभरों के मुखिया के रूप में सोहनदल का उल्लेख है। सोहनदल ही महाराजा सुहेलदेव के नाना थे। अपने ननिहाल में पैदा हुए सुहेलदेव के शब्दभेदी बाण चलाने की कला भी यहीं से सीखने की कथा प्रचलित है। बाद में राजा बनने पर सुहेलदेव ने इसी क्षेत्र को राजधानी भी बनाया।


अब पुरातत्व विभाग खुलासा किया है कि महाराजा सुहेलदेव राजभर का किला संरक्षित किया जायेगा और अवैध कब्जा हटाया जायेगा। पुरातत्व विभाग ने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर किले के उपरी हिस्से से अवैध निर्माण को हटाने का निर्देश दिया है पुरातत्व विभाग की टीम ने स्थलीय निरीक्षण कर प्रशासन से इसके नजरी नक्शा, खसरा खतौनी और स्वामित्व से जुड़े अभिलेख मांगे हैं।


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