अंबेडकरनगर में महाराजा सुहेलदेव राजभर के किले पर पुलिस व पीएसी तैनात - Rajbhar IN INDIA
अंबेडकरनगर : अपनी वीरता के लिए मशहूर महाराजा सुहेलदेव राजभर के ऐतिहासिक किले के ऊपरी हिस्से में नवनिर्मित मजारों के न हटाए जाने के विरोध में राजभर संगठनों के आमरण अनशन की चेतावनी के बाद प्रशासन ने वहां पुलिस व पीएसी के जवान तैनात कर दिए हैं। जलालपुर तहसील के सुरहुरपुर/जफरपुर मुर्गजार गांव में सम्राट सुहेलदेव राजभर का किला है। अवध गजेटियर में बाकायदा इसका जिक्र है। महाराजा सुहेलदेव राजभर के वंशज राजभर समाज इस किले पर अपना दावा करते हैं। वहीं, किले के ऊपरी हिस्से में बाबा शाहनूर की मजार भी है।
लाकडाउन के दौरान चोरी-चुपके से यहां और भी कई मजारें स्थापित कर दी गईं। इस मुद्दे को लेकर राजभर संगठनों और मुस्लिमों में तलवारें खिंची हैं। गत वर्ष फरवरी में बसंत पंचमी के दिन राजभर संगठनों ने महाराजा सम्राट सुहेलदेव राजभर की जयंती मनाने के लिए किले के आसपास साफ-सफाई की कोशिश की लेकिन मुस्लिम संगठनों के दबाव के बाद प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी थी। सांप्रदायिक विवाद को देखते हुए तत्कालीन उपजिलाधिकारी ने इसे विवादित स्थल घोषित कर उस पर आमजन का प्रवेश निषिद्ध होने का बोर्ड लगवा दिया। जिलाधिकारी के आदेश पर पुलिस चौकी स्थापित कर जवानों की तैनाती की गई थी। डा. पंचम राजभर के नेतृत्व में सरकार और पुरातत्व विभाग को पत्र लिखकर यहां किले का साक्ष्य देते हुए इसकी स्थलीय जांच करने, ऊपरी भाग पर हाल ही में निर्मित मजारों को हटाने की मांग की थी।
पुरातत्व विभाग की टीम ने स्थलीय निरीक्षण कर जिलाधिकारी से खसरा, खतौनी समेत अन्य सरकारी दस्तावेज मांगे थे। इसे ऐतिहासिक धरोहर बताते हुए संरक्षित करने और हाल में निर्मित अवैध अतिक्रमण को हटाने का निर्देश दिया था। सात माह बीतने के बाद भी धरोहर को न संरक्षित किया गया और न ही अतिक्रमण हटाया गया। ऐसे में तीन दिन पहले राजभर संगठन ने केसरीनंदन राजभर के नेतृत्व में जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर पुरातत्व विभाग के आदेश का पालन न करने पर 22 नवंबर से आमरण अनशन की चेतावनी दी थी। इससे चौकन्ना प्रशासन ने विवादित स्थल पर दो ट्रक पीएसी व पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। थानाध्यक्ष राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि विवाद न हो, इसीलिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।
जय सुहेलदेव
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