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श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या केस में भर जाति कि चर्चा । राजभरो का इतिहास


Discussion of Bhar caste filled in Shri Ram Janmabhoomi Ayodhya case.

कौन कहता है कि श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या केस में भर जाति कि चर्चा नहीं हुयी है?


  आँखे बड़ी करके के देखो साथियो


Once upon a time the Bhars held sway यह क्षेत्र कई सौ वर्षों तक भरो का था  (पेज नंबर 4694) , पांचवी शताब्दी के वशिष्ठ ब्राह्मण परिवार जो राम जन्मभूमि  का देखरेख करते थे वो लोग "भर राज" जब सर्वोच्च था तब भी अयोध्या में आराम से रहते थे। - माननीय हाईकोर्ट (पेज नंबर 4660)  श्री राम जन्मभूमि अयोध्या पर क्रमशः माननीय हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके मुँह पर करारा तमाचा है जो भर राजभर साम्राज्य पर प्रश्न चिन्ह लगते है।


 कहा है वो लोग जो बड़ी बड़ी ढींगे हाकते है और भर राजभर साम्राज्य पर उंगलिये उठाते है ? उनकी तो बिलकुल चर्चा ही नहीं है और उसके उलट भर जाति चर्चा पांच बार हुयी है।  इस केस मे भर जाति का वर्णन माननीय न्यायालय के फैसले मे क्रमशः पेज नंबर 4660,4668, 4694, 4719 पर कुल पांच बार आया है। (फैसले की कॉपी संलग्न) केस मे वर्णित साक्ष्यों के अनुसार जैसे पुरातत्व रिपोर्ट द्वारा यह सर्व विदित है कि भर - राजभर वीरो ने अयोध्या की पवित्र धरती को लगभग पांचवी शताब्दी से ग्यारहवीं शताब्दी तक विदेशी आक्रांताओं से सुरक्षा की है। और यदि साफ शब्दों मे कहे तो हमारे आराध्य भगवान श्री राम जी की महान विरासत व निशानियो को लगभग 600 वर्षों तक संजोये रखा और भर- राजभर शुर वीरो ने समय- समय पर अपना लहू बहाकर सैकडो वर्षो तक अपनी कुर्बानी दी है, तथा अयोध्या / साकेत जैसे प्राचीन शहर को आक्रांताओं से बचाने के लिये अपने परिवार तक को बलिदान कर दिया और भगवान की निशानियां पर आंच नहीं आने दीया।


Rajbharon Ka Itihas

History of Rajbhar

History of Rajbhar

Rajbhar History


 लेकिन गज़ेटियर के अनुसार भर साम्राज्य का पतन तब शुरू हुआ जब अन्य क्षेत्रों से विस्थापित अपने ही लोगो ने राज भर राजाओ व सरदारों के यहा काम किया और भरो की मासूमियत का फायदाउठाकर हमारे साथ छल किया। उसके बाद यह क्षेत्र सैकड़ों वर्षों तक अस्थिर रहा जिसका सीधा फायदा विदेशी आक्रांताओं को मिला। भगवान श्री राम जी की महान विरासत को संजोये रखने मे जो भुमिका भर -राजभर राजाओं ने निभाई है इसका वर्णन करने के लिए केस के अंतिम सुनवाई के दौरान ऐडवोकेट जयप्रकाश राजभर और फरीदाबाद के राजभर समाज सेवा संगठन की मदद से एक याचिका भी दायर की थी जो तकनिकी कारणों से माननीय रजिस्ट्रार महोदय सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिखीत मे वापस कर दिया गया। 


लेकिन पुरा राज भर समाज उन कानूनविदों व विद्वानों को आभार व्यक्त करता है जिन्होंने भर समाज को भी पुरे प्रकरण मे चर्चा का विषय समझा। पुरे भर- राजभर समाज के तरफ से केवल एक ही निवेदन किया गया है कि श्री राम जन्मभूमि अयोध्या के पास का कोई स्थान या सड़क या प्रतीक के रूप में उन भर राजभर वीर सपूतों की याद मे "भर - राजभर साम्राज्य मार्ग" नामकरण किया जाये ताकि न्याय हो सके । 


1 टिप्पणी:

  1. बहुत बाडिया जानकारी येसे ही जानकारी शेयर करते रहें from Hindihelp4u.com

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