विश्वविद्यालय परिसर में लगेगी महाराजा सुहेलदेव राजभर की प्रतिमा : कुलपति
आजमगढ़ - महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय, आजमगढ़ के कार्य परिषद की 15वीं बैठक माननीय कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार शर्मा की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय परित्तर के सभागार में पूर्वाह्न 11:30 बजे आहूत की गई। बैठक में विभिन्न प्रस्ताव सदन के पटल पर रखे गए। जिसमें सर्वप्रथम कुलपति जी ने विश्वविद्यालय परिसर के अन्दर महाराजा सुहेलदेव राजभर की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव रखा। जिसे कार्य परिषद के समस्त सदस्यों ने ध्वनिगत से स्वीकार कर लिया। चर्चा के दौरान सभी ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव राजभर के नाम पर विश्वविद्यालय का नाम पड़ा ऐसे राष्ट्रभक्त वीर राजभर की प्रतिमा जल्द से जल्द विश्वविद्यालय परिसर में लगाए जाने का प्रताव शासन को प्रेषित किया जाए।
विभिन्न प्रस्तावी के अंतर्गत विश्वविद्यालय में महान समाज सेविका,महिला शिक्षा के प्रति तत्परता से समाज को जागृत करने वाली मराठा साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा लगाए जाने और विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास का नाम उनके नाम पर महारानी अहिल्याबाई होलकर महिला छात्रावास' करने का प्रस्ताव, भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के प्रणेता आचार्य विष्णुगुप्त 'कौटिल्य' जिरो सारा संसार आचार्य चाणक्य के नाम से भी जनता है के नाम पर विश्वविद्यालय परिसर में 'आचार्य चाणक्य (कौटिल्य) शोधनीठ' की स्थापना करने का प्रस्ताव रखा गया। साथ ही साथ विश्वविद्यालय के वर्तमान छात्र छात्राओं को प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपराओं की जानकारी हेतु अपने ऋषि, मुनियों के शिक्षा एवं ज्ञान विज्ञान में योगदान से अवगत कराने के लिए एक प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा पार्क' स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में कार्य परिषद के सदस्य श्रीचंद शर्मा, शिक्षक विधायक, मेरठ- सहारनपुर मण्डल (ऑनलाइन मध्यम से), प्रोद प्रेमचन्द यादव, प्राचार्य डीएवी पीजी कॉलेज, आजमगढ़, प्रोद शर्वेश पाण्डेय, प्राचार्य डीसीएसके पीजी कॉलेज, मऊ, प्रोद बृजेश कुमार, प्राचार्य श्री दुर्गाजी पीजी कॉलेज, आजमगढ़, प्रोद ऋषिकेश सिंह, प्राचार्य श्रीकृष्ण गीता पीजी कॉलेज, लालगंज, आजमगढ़, प्रोद जय सिंह, प्राचार्य राजकीय पीजी कॉलेज, अंबारी, आजमगढ़, डॉद ज्ञानप्रकाश वर्मा, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, वाराणसी, जग नारायण झा, वित्त अधिकारी, महाराजा गुहेल देव विश्वविद्यालय उपस्थित रहे। बैठक के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव विशेश्वर प्रसाद ने आए हुए सभी सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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