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भरहुत को भरों ने बसाया था भरहुत सतना मध्यप्रदेश

 Bharhut Ka Itihas

मानव संस्कृति की एक मूल्यवान विरासत के रूप में 'कला' की परिगणना की गई है। भारतीय संस्कृति में तो कला को जीवन का एक महनीय अंग ही माना जाता है। कला के माध्यम से भारतीयों ने जिस पुनीत एवं शुभ दृष्टि को अभिव्यक्ति प्रदान की है, उस अभिव्यक्ति में इस भौतिक संसार के पीछे छिपे जीवन और प्रकृति की सनातन समता एवं विषमता तथा मानवीय तत्त्व परिलक्षित होते हैं। वास्तव में मानव प्रयास के इतिहास में भारतीय कला का अप्रतिम स्थान है। यह भारत वर्ष के विचार, धर्म, तत्त्वज्ञान और संस्कृति का दर्पण है।' भारतीय कला के क्षेत्र में ईसा पूर्व द्वितीय शताब्दी के काल का विशिष्ट महत्त्व है। 


इस काल में कला के क्षेत्र में देश के अनेक केन्द्रों में पाषाण घटित शिल्प एवं स्थापत्य का व्यापक प्रचार हुआ तथा अनेक भव्य स्तूपों का निर्माण हुआ। इन स्तूपों में भरहुत के स्तूप एवं स्थापत्य का अग्रगण्य स्थान है। वस्तुतः भारत की प्राचीन कला परम्परा में भरहुत स्तूप का अग्रगण्य स्थान निर्विवाद है, साथ ही तत्कालीन लोक जीवन, धार्मिक एवं सामाजिक जीवन, उत्सव आदि के विभिन्न आयाम इसमें निरूपित हैं तथा ईसा से लगभग दो शती पूर्व के जनजीवन का एक अद्भुत कथालोक इसमें परिलक्षित होता है।


भरहुत मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्थित है। यह सतना से 14.50 किलोमीटर दक्षिण तथा ऊँचेहरा से 07 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित है। भरहुत भारत की स्वतंत्रता के पूर्व नागौद रियासत के अन्तर्गत था। महाकाव्य काल (चौथी शताब्दी ई० पू०) में इस नगर का नाम वरदावती था भरहुत , भारत के उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश राज्य में प्रयागराज से 120 मील (190 किमी) दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक गाँव है । ऐसा माना जाता है कि इसकी स्थापना भर लोगों ने की थी। भरहुत एक बौद्ध मठ के खंडहरों के लिए प्रसिद्ध है। स्तूप (मंदिर) की खोज मेजर जनरल अलेक्जेंडर कनिंघम ने 1873 में की थी। स्तूप के मूर्तिकला अवशेष अब मुख्य रूप से भारतीय संग्रहालय , कोलकाता और इलाहाबाद के नगर संग्रहालय में संरक्षित हैं।


ऐसा भी अनुमान लगाया जाता है कि 'भरहुत' नाम संभवतः भरों अथवा राजभरों के सम्पर्क में पड़ा। भरों ने कभी उत्तर एवं मध्य भारत के अनेक खण्डों में अपने राज्य स्थापित किये थे। यह भरहुत क्षेत्र भी कभी #भरों के भोग का साधन बना, जिससे तीर भुक्ति (आधुनिक तिरहुत, बिहार)की भाँति उसका नाम भार मुक्ति पडा और कालान्तर में तिरहुत की भाँति ही भरहुत कहलाया।


महत्वपूर्ण प्रश्न 

1) भरहुत को किसने बताया था? 

उत्तर - भरहुत को भर लोगो ने बसाया था ।

2) भरहुत कहां पर है ?

उत्तर -भरहुत मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्थित है।


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