Header Ads

पासी जाति की उत्पत्ति कैसे हुई ? । सुअर से क्या है इनका सम्बन्ध

पासी जाति की उत्पत्ति कैसे हुई ?

नमस्कार ! जय भारत। जय सनातन। 
तो साथियों, 
आप सभी को इस लेख के द्वारा पता चलेगा पासी जाति की उत्पत्ति और इतिहास के बारे मे , सूअर से क्या है इनका संबंध? अब इस बात से या इस लेख को पढ़कर बहुत से हमारे पासी समाज के मार्शल कौम के भाई बंधु के लोगो के मन मे गुस्सा आएगा। तो साथियों आपको गुस्सा आना चाहिए, क्यों? क्योंकि मैं अपने मन से कुछ नहीं कह रहा हूं। गुस्सा आपको उनके ऊपर आना चाहिए। जिन लोगों ने इस उत्पत्ति की कहानी को बताया या जिन्होंने किताबों मे लिखा है तो पहले आप पूरा लेख पढ़ लेना, उसके बाद आपको जो कहना होगा, गाली जो भी देना होगा आप देना कि मैं सही हूं या आप गलत है या यह लेखक गलत है या बताने वाला गलत है। तो चलिए मैं आपको एविडेंस की तरफ लेके चल रहा हूँ। 

पासी जाति की उत्पत्ति कैसे हुई ?


आपको बता दूं कि स्टेट ऑफ जस्टिस इन इंडिया इशू ऑफ सोशल जस्टिस की सामाजिक न्याय की इसमें बात कही गई है तो जरूर उसमें आपके सामाजिक न्याय की बात भी कही होगी। कही गई होगी और रखी गई होगी। लेकिन पहले आपकी उत्पत्ति के बारे में उन्होंने क्या कहा है और यह आप ही लोगों की एक बहुत ही फेवरेट। बद्री नारायण तिवारी जी ने उन्होंने लिखा है पेज नंबर 84 पर और बाकी तमाम जो एविडेंस है सभी जगह इसी तरह का उत्पत्ति के बारे में लिखा गया है। परंतु यहां पर क्या लिखा है आपको बता देता हूं आप लोग भी ध्यान से अगर नहीं, कभी पढ़े होंगे तो पढ़ लिजिए ।

बद्री नारायण तिवारी जी लिखते हैं कि पसियापुर पट्टी में रहने वाले पासियों की पुरानी पीढ़ी भी पासियों की उत्पत्ति ऋषि परशुराम से मानती हैं जो एक पौराणिक ब्राम्हण संत थे जो अपने उग्रवाद के लिए प्रतिष्ठित थे। 75 वर्षीय खिचड़ी लाल पासी मिथक का वर्णन इस प्रकार करते हैं। 

 एक दिन जब परशुराम की मां परशुराम को सौरी यानी प्रसूता जो प्रसूति कक्ष में पहुंचने की प्रक्रिया में थी अर्थात परशुराम जी का जो जन्म होने की जो प्रक्रिया होती है उसमें थी। तभी कामरूकमछ नामक एक कसाई गाँव से 1600 गायों को ले जाने लगा। ग्रामीण ने परशुराम की मां से शिकायत की जिन्होंने बच्चे को जन्म देने में असमर्थता व्यक्त की। अर्थात् उसी समय जैसे उनका जन्म होने वाला था। सभी लोगों ने उनकी माँ को यह जानकारी दी। तब तक परशुराम महाराज अपनी कमर के चारों ओर बंधी गर्भनाल के साथ अपनी माँ के गर्भ से प्रकट हो गए। अब देखिए किस तरह की कहानी जो बताई जा रही है। इस तरह से कभी किसी इंसान का जन्म होता नहीं है कि वह गर्भनाल से बँधा हुए और तुरंत बाहर आ गए, प्रकट हो गए और वहाँ कह रहे हैं। वह कामरूक के पीछे दौड़ा और कसाई से लड़ने लगा। वह बहादुरी से लड़े, कभी उसे दूर फेंकते, कभी खुद गाड़ी के पहिए को घुमाते। इस समय तक खूब पसीना बह रहा था। उस पसीने को निकालने के लिए सिर हिलाया और जो पसीना जमीन पर गिरे, उसी से पांच पासी की उत्पत्ति हुई यह पासी भी लड़ाई में शामिल हुए और कामरूक को मार डाले। अर्थात यह कहा जा रहा है कि जो पसीने की पांच बूंदे जो उसमें से नीचे गिरी उसमें से पांच पासी पैदा हुए और वह क्या किया उसके साथ में लड़े और कामरूक को मार डाला। परशुराम ने तब गायों को मुक्त किया, उन्हें घर ले आए। यह कहीं से भी लॉजिकली, किसी भी तर्कसंगत वैज्ञानिक, किसी भी तर्क की कसौटी में कोई भी एक अनपढ़ आदमी भी इस बात को रिजेक्ट करेगा। लेकिन ठीक है, आप लोगों का मत है, आप लोगों का विश्वास है, उसका हमें भी कोई आपत्ति नहीं है। 

 

मेरी आपत्ति सिर्फ इस बात को लेकर है कि एक ऐसे लेखक जो पीएचडी किए हुए इस तरह की किदवंती को डालते हैं और बाद में यही यही भारतवासी सब जगह इसी तरह से जैसे आपकी चीजों को उन्होंने बिना वैज्ञानिक किसी प्रमाण के लिखे, उसी तरह उन्होंने सब जगह भरपासी कर डाला है। इसलिए आप खुश होते हैं। अब चलिए पांच पासियो ने परशुराम से उन्हें अपने साथ घर ले जाने का अनुरोध किया क्योंकि उनके पास पालने के लिए कुछ नहीं था। तो परशुराम ने उत्तर दिया कि उनकी गर्भनाल अभी तक नहीं कटी है। इसलिए उनकी देखभाल करने में असमर्थ हैं। तब पासियो ने उससे पूछा कि उन्हें क्या खाना चाहिए? परशुराम ने उत्तर दिया। उन्हें शुद्ध करने के लिए चंदन के लेप यानी चंदन में डुबोकर गुजरने वाले सूअरों के पिछले सिरे को खाना चाहिए। जिसका आज भी यह लोग पालन कर रहे हैं। तो मुझे लगता है इस परंपरा को बहुत से अपनी आस्था के साथ जुड़ा हुआ है। तो यह कितनी अच्छी बात है। इनका जो आज का वह धंधा या जो बिजनेस है या उसको खाने के लिए इन्होंने पाला था। अब कुछ लोग कहते हैं इन्हीं के लोग हमने तो मुसलमानों से बचने के लिए सूअर पाला था। नहीं, अगर मुसलमानों से बचने के लिए आपने पाला होता तो आज तक नहीं पालन करते। लेकिन आप लोगो का तो यह प्रश्न भगवान परशुराम जी से जुड़ा हुआ मैटर है। आपके जन्म से जुड़ा हुआ है। आपको खाने के लिए भगवान परशुराम ने कहा , यह मैं तो नहीं कुछ कह रहा हूं। इसमें आप गाली देना चाहे तो अपनी परंपरा को गाली दे सकते हो। इस लेखक के ऊपर गुस्सा आना चाहिए। मैं तो सिर्फ बता रहा हूं परशुराम की सलाह का पालन करके पासियों ने बड़ी ताकत हासिल की पूरे देश में उनका कोई मुकाबला नहीं था। एक दिन भगवान विष्णु नारद के साथ हाथी पर सवार होकर गुजर रहे थे। पासियों को पास में खेलते देखा। नारद ने गुस्से में उनसे पूछा कि यह क्या कर रहे हो? बदले में पासियों ने हाथी की पूंछ खींच दी जो उनके हाथों में ढीली पड़ गई। नारद ने तब भगवान से टिप्पणी की, यह लोग बड़े मजबूत थे। आगे नहीं रोका गया तो जल्दी ही पृथ्वी पर अधिकार कर लेंगे। कुछ दिनों बाद नारद मुनि जो एक ब्राम्हण थे, अकेले ही आ गए जैसे पांच पासी सूअर का मांस खाने वाले थे। नारद ने कच्चा मांस खाने के लिए उन्हें उपहास किया। उन्हें सलाह दी कि इसमें नमक डालकर पकाकर इसे और अधिक स्वादिष्ट बनाया जाए। सरल मन के होने के कारण पासियों ने नारद की सलाह मान ली और मांस पकाना और नमक डालना खाना शुरू कर दिया। तब पासियों की ताकत कम हो गई। तब नारद ने प्रभु से कहा अब हम देखेंगे कि पासि क्या कर सकते हैं। इसके बाद जब पासियो ने हाथी की पूंछ को ढीला करने की कोशिश की तो उनकि शक्ति कम हो गयी ।

महत्वपूर्ण प्रश्न 

1) पासी जाति की उत्पत्ति कैसे हुई ?

उत्तर - पासी की उत्पत्ति परशुराम के पसीने से हुई।
2) पासी जाति की उपजाति ?

उत्तर - पासी जाति की कोई उपजाति नहीं है सब बनावटी कहावतें कही गई हैं ।
3) पासी जाति की उपजातियां ?

उत्तर - पासी जाति की कोई उपजाति नहीं है सब बनावटी कहावतें कही गई हैं ।
4) पासी जाति की उत्पत्ति ?

उत्तर - पासी की उत्पत्ति परशुराम के पसीने से हुई। ये भी एक कहावत है ।
5) पासी के पूर्वज कौन थे?

उत्तर - पासी समाज के लोग गंगा बक्स रावत के पूर्वज हैं ।
6) पासी कौन से वंश में आते हैं?

उत्तर -उत्तर प्रदेश में पासी जाति को अनुसूचित जाति के अंतर्गत रखा गया हैं।
7) क्या पासी दलित है?

उत्तर -उत्तर प्रदेश में जाटवों के बाद पासी दूसरा सबसे बड़ा दलित समुदाय है।
8) पासी जाति का पेशा ?

उत्तर -पासी जाति का पारंपरिक पेशा शुअर पालन, और ताड़ी  का कारोबार करना रहा है. पासी जाति के लोग मुख्य रूप से उत्तर भारतीय राज्यों बिहार और उत्तर प्रदेश में रहते हैं.
9) पासी समाज की कुलदेवी कौन है?

उत्तर -पासी समाज के लोग राह बाबा की पूजा करते हैं
10) पासी जाति का गोत्र ?

उत्तर - पासी वंश का गोत्र - कश्यप है।



कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.